विराज के मन से
मन के भावों को शब्दों में पिरोने की कोशिश
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Tuesday, January 22, 2019
अगर आबाद ये होगा
अगर आबाद ये होगा, तुम्हारे प्यार में होगा।
अगर बर्बाद ये होगा, तुम्हारे प्यार में होगा।
लिखा मुक्तक ज़रा देखो तुम्हारे प्यार में हमने।
अगर अपवाद ये होगा, तुम्हारे प्यार में होगा।
2 comments:
संजय भास्कर
February 5, 2019 at 3:06 PM
बेहद हदयस्पर्शी ।
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Viraj verma
February 6, 2019 at 12:10 PM
धन्यवाद भैया।
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बेहद हदयस्पर्शी ।
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
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